THE FACT ABOUT SHIV CHALISA LYRICS AARTI THAT NO ONE IS SUGGESTING

The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

Blog Article

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

इनमें से सोमवार more info को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate for the destitute, who always guards the saintly, the moon on whose forehead sheds its beautiful lustre, As well as in whose ears are classified as the pendants with the cobra hood.

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

काम की बात श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण महाभारत फनी जोक्स चुटकुले

Report this page